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Thursday, 21 December 2017

गायरी गुर्जर इतिहास

गायरी गुर्जर इतिहास

गायरी /गारी/ मेवाडा गायरी गुर्जर वंश -इंजी राम प्रताप सिंह गुर्जर
गायरी गुर्जर वंश का वो पन्ना हे जिसके बिन गुर्जर होते हुए भी , उनके लोग उनकी तरफ आने में परेशानियां पैदा कर देते हैं और ऐसा सिर्फ कुछ छोटे छोटे नेता और उनकी मन्द बुध्ददि और कुछ छोटे बच्चे जो इतिहास और उनके क्षेत्रों से परिचित तो नहीं हैं लेकिन उनके ऊपर उँगली  करते हैं ,
गारी, गायरी,भारुड़, भरवाड़ जातियां मूलत गुर्जर है
मेवाड़ा गायरी/गुर्जर/गारी/गाडरी/भारवाड़/भारुड़ - जाति एक नाम अनेक ये सभी वीर गुर्जर है। जोकि मेवाड़ मूल के है या मेवाड़ से निकले है। जो पशुपालन के कारण इतने नामों मे बटे है।
गुर्जर कितनी बड़ी जाती है यह अब पता चला है गायरी गुर्जर समाज के भाइयों को अभी भी नहीं पता है कि हम कितने हैं जो 100 किलोमीटर तक ही अपनी सीमा निर्धारित कर चुके वह समाज को नहीं पता कि हम गुर्जर हैं। 250-300 किमी के बीच 3 नामों में बटा समाज कितना अशिक्षित है इसकी कल्पना की जा सकती है। मेवाड़ - मेवाड़ा गाडरी/गायरी 2. मालवा - चौधरी ( मेवाड़ा गारी/गायरी) 3. हाड़ोती - गुर्जर (गायरी गुर्जर) गुर्जर कितनी बड़ी जाति एवं कौम है यह गायरी को आज तक नहीं पता है वह तो बस अपने को गायरी गुर्जर बोल देता है। और ज्यादा जीरह करो तो गायरी और गुर्जर दो भाई है, यह कह कर बात खत्म, और दन्त कहानी सुनने को मिलेगी की गायरी गाय के गर्भ से और गुर्जर उसकी जर से हुऐ हैं। जिस पर सिर्फ हंसी आती है। बल्कि ऐसा नहीं है, गुर्जर का संधि विच्छेद होता है - गुर्+जर जिसका अर्थ शत्रु विनाशक होता है, मध्य प्रदेश के धार,रतलाम,इंदौर एवं उज्जैन जिलों के विभिन्न गांवों में रहने वाले चौधरी(गायरी) झालावाड़, मेवाड़ ,आदि जगहों पर भी  यह लोग गायरीoगायरी/गायरी/रेवारी- ये उपजातियां राजस्थान में प्रचलित
गायरी शव्द की उत्पत्ति -गायरी नाम मेवाड़ झालावाड़ तथा मध्यप्रदेश की सीमा से सटीक हे ! गायरी शव्द की दन्त कथाओं के अनुसार गायरी गाय के गर्भ से पैदा हुए हैं जो सुन ने में हमे अच्छा लगता हे लेकिन इसका ऐतिहासिक अवलोकन किसी इंसान ने नहीं किया हे खुद गायरी गुर्जर भी इसमें ही ज़िंदा हैं education का
ायरी शवद की उत्पत्ति उनके कर्म के अनुसार उनकी पहचान बनी हे ,मेवाड़ क्षेत्र सै गायरी की उत्पत्ति  समझ में आती हे जिसमे इन लोगों के अलग काम /व्यवसाय वट गए जिसमे गायरियो ने जो व्यवसाय चुना वो था गाय पालन /गौ रक्छक /गाय रखने वाला आदि इनके नाम पड गए  जिसका शुध्ध रुप जो है वो आज गायरी /गारी बन गया जबकि गडरिया जो हे वो भेड पालन करते हैं उनका व्यवसाय अलग , उनका जाती भी अलग हे क्यों की गडरिया एक जाती हे और गायरी एक गोत्र हे जो देव नारायण भगवान् के उपासक हैं !
प्रभावी क्षेत्र- गायरियों के प्रभावी क्षेत्र में मालवा इंदौर उज्जैन रतलाम मंदसौर झालावाड़ मेवाड़ क्षेत्र में मौजूदगी बहुत ज्यादा मात्रा में हे और ये सभी अपने को गुर्जरों से अभिन्न नहीं मानते हैं बल्कि गुर्जर ही मानते हैं इनमे आज १५० सै ज्यादा गोत्र बन चुके है जो आज मौजूद हैं

मध्य प्रदेश के धार,रतलाम,इंदौर एवं उज्जैन जिलों के विभिन्न गांवों में रहने वाले चौधरी(गायरी) लिखते हैं चुनेधार(Dhar)रतलाम(Ratlam)इंदौर(Indore)उज्जैन(Ujjain) आदि मै आते हैं

धार(DHAR)
बुकड़ावदा खेड़ी(Bukdavada Khediघटगारा(Ghatgara)बालौदा माजी(Baloda Maji)पडुनिया(Paduniya)खरेली(Khareli)बदनावर(Badnawar)संदला(Sandala)तिलगारा(Tilgara)भैंसोला(Bhainsola)लीलीखेड़ी(Lilikhedi)मुल्थान(Multhan)बेगन्दा(Beganda)रूणिजा(Runija)छौ छोटी(Chho Chooti)छौ बड़ी(Chho Badi)सनोली(Sanoli)कोद(Kod)बिड़वाल(Bidwal)शेरगढ़(Shergarh)बरमंडल(Barmandal)पंचमुखी(Panchmukhi)कुसावदा(Kusavada)मुसावदा(Musavada)खैरोद(Kherod)सादलपुर(Sadalpur)वरनासा(Varnasa)कणवा(Kanwa)गोगाखेडी(Gogakhedi)भाटबामन्दा(Bhatbamanda)
देवड़ा/दीवड़ा: गुर्जरों की इस खाप के गाँव गंगा जमुना के ऊपरी दोआब के मुज़फ्फरनगर क्षेत्र में हैं| कैम्पबेल ने भीनमाल नामक अपने लेख में देवड़ा को कुषाण सम्राट कनिष्क की देवपुत्र उपाधि से जोड़ा हैं|


दीपे/दापा: गुर्जरों की इस खाप की आबादी कल्शान और देवड़ा खाप के साथ ही मिलती हैं तथा तीनो खाप अपने को एक ही मानती हैं| शादी-ब्याह में खाप के बाहर करने के नियम का पालन करते वक्त तीनो आपस में विवाह भी नहीं करते हैं और आपस में भाई माने जाते हैं| संभवतः अन्य दोनों की तरह इनका सम्बन्ध भी कुषाण परिसंघ से हैं|

नेकाड़ी: राजस्थान के गुर्जरों में नेकाड़ी धार्मिक दृष्टी से पवित्रतम गोत्र माना जाता हैं| अफगानिस्तान और भारत में नेकाड़ी गोत्र पाया जाता हैं| राजस्थान के गुर्जरों में इसे विशेष आदर की दृष्टी से देखा जाता हैं| नेकाड़ी मूलतः चेची माने जाते हैं|

पोसवाल >बांणिया -  पोसवाल का ही दूसरा नाम है बांणिया जो की हिमाचल ,उत्तराखंड ,मे ज्यादा बांणिया लिखते हैं तथा मालवा और मेवाड के    बीच मे भी  इनको बांणिया कहते हैं।

बामणिया- यह भी  बाणियां का विक्रत रुप है इसका मूल पोसवाल ही हैं।

कोली>कौली - कोली गोत्र मूल रूप सै पंजाब मै गुर्जरों के कोली गोत्र के 60 गांव हैं जो हिमाचल प्रदेश की  सीमा पर हैं।

कोरी/लोहिया/लोहमोड/लुवाणा(लोहारिया)-ये सभी  नाम ऐक ही गोत्र के हैं जो की क्षेत्र के अनुसीर अपनी अपनी भाषा मै विक्रत हो गये हैं
गुर्जरघार मे कोरी और लोहिया कहते हैं जिनके गांव भिन्ड मुरैना तथा ग्वालियर मे हैं ,लोहमोड नाम पंजाब उत्तरप्रदेश मे बहुत हैं और लुवाणा और लोहारिया के नाम सै मालवा तथा मेवाड के आस पास हैं।

भरगाड/भंडावर/भरवाड- भरगाड मूल रूप सै जयपुर के आस पास हैं तथा भंडावर मूल भरगाड का अप्रभंस है ।

हाकला/हकला- मेवाड दुर्ग के दक्क्षिण मे रहते थे ये लोग तथा भारत पाक अफगान आदि मे मौजूद हैं
पन्ना गूजरी के गांव के हांकला गोत्रीय गूजर चित्तौड़ के दुर्ग के दक्षिणी भाग के रक्षक तथा निवासी थे

बाघमार/बघमार/रावत
"अर्थात बाघ को मारने वाला - बाघमार"
गायरी गुर्जर वंश महान
यह मेवाड़ा गायरी/गायरी गुर्जरों में एक प्रसिद्ध गोत्र है, जिसे रावत भी कहा जाता है यह गोत्र बगड़ावत/ बगरावत/ बाघरावत से सीधे संबंधित है।
24 भाई बगड़ावत के पिताजी जिनका नाम बाघरावत उनके पिता हरिराम जी ने एक बाघ को मार गिराया था। यह हम बगड़ावत भारत में सुनते हैं तथा बड़े बुजुर्गों से भी सुनते आए हैं उसके पश्चात उनके पुत्र "बाघरावत" का जन्म हुआ जिनका मुंह तो बाघ/शेर का व बाकी धड़ मनुष्य का हुआ था। बाघ को मारने वाला बाघमार ही हो सकता है। यह गोत्र स्पष्ट दर्शित करता है बगड़ावतों के गायरी गुर्जर कुल का होने से आज के गायरी गुर्जर मेवाड़ा गायरी तत्कालीन समय में मेवाड़ के मूल निवासी थे उसके पश्चात अन्य जगहों पर बस गए।
 गोत्र -
सरकारी प्रमाण गायरी गुर्जर-गायरी गुर्जर हैं इस बात के हमने सबूत दिए हैं अब इनको धनगर बोलने बालों के पास कितने सबूत हैं वो दिखाएँ और ऐसा ही नहीं गायरियों की पुराणी  शादियां गुर्जरों में ही हुयी हैं , अगर आप के पास कोई सबूत हो तो जरूर बताओ ,

मवाड राजवंश - पन्ना धाय का जिस मेवाड़ राजवंश से  सम्वन्ध वो पन्ना धाय को इतिहासकार डॉ.व्यास ने गायरी गुर्जर बताया हे , पन्ना का सम्मान सभी समाज में उतना ही हे जितना मेवाड़ वंश का हे पन्ना धाय माँ को ""दामोदर लाल गर्ग"" ने अपनी पुस्तक ""राजधात्री पन्ना गुजरी"" में लिखा हे की ये वीरमाता गुर्जर कुल से थी और उन्होंने लिखा हे की इनका सम्बन्ध गुरुजन तथा गुर्जर , गोर्जन बताया हे,अब हम इनके सम्बन्धों पर भी  बात करते हैं,जो तथ्ययातमक हैं,माता पन्ना धाय को ऊपर डॉ. व्यास ने ऊपर गायरी लिखा हे क्यों की आज यही सवाल हमारे लोगों के जहाँ में हे की इनकी शादियां क्यों नहीं होती हैं पन्ना धाय की ससुराल गुर्जर चौहान कुल में थी चौहान हिन्दू जी गुर्जर के पुत्र गुर्जर लाला गुर्जर के पुत्र  सूरजमल गुर्जर चौहान की पत्नी थीं,
हम लोगों को ये समझना चाहिए की मेवाड़ रियासत के राजवंश की फौज में गुर्जर ही सबसे ज्यादा थे और मेवाड़ के आस पास  गायरी  ज्यादा हैं. गुर्जर कम हैं फिर ये बात सही कैसे हो सकती हैं , लेकिन ये बात सही हे क्यों की उस टाइम पे गायरी वर्ड ही नहीं था तो गायरी भी गुर्जर ही कह जाएंगे क्यों की गायरी. तो कुछ नाम नहीं था मतलब की गायरी ही मेवाड़ वंश की फौज में थे और इनपे ही राणा परिवार को भरोसा भी था
पन्ना गूजरी के गांव के हांकला गोत्रीय गूजर चित्तौड़ के दुर्ग के दक्षिणी भाग के रक्षक थे दक्षक्षिणी भाग की और
सुरक्षा भी  गूजर कर रहे थे, महल के अन्दर पन्ना धाय
उनके पुत्रों की रक्षा कर रही थीं, पन्ना धाय  के पिता हरचंद हाकला जी ने राणा संग्राम के साथ लड़ते लड़ते वीरगति को प्राप्त हुए थे ,


             
नोट-गायरी गुर्जर हैं गडरिया जबरस्ती या धनगरी करण इतिहास ना बिगाडें

66 comments:

  1. बहुत अच्छी जानकरी दी है आपने।में रतलाम से हु ।आज समाज जाग्रत हो रहा है।

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  2. बहुत अच्छी जानकरी दी है आपने।में रतलाम से हु ।आज समाज जाग्रत हो रहा है।

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  3. Bahut achhi jankari hame mili he

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  4. Bahut badiya jankari mili he hamara gurjar samaj jagrit ho raha he

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  5. Ji bhut achey me gayari gurjar hi lagata hu me bhut see sabut he gayari gurjar hi he

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    1. अरे भाई गाडरी , गुर्जर ही होते है, हाड़ौती के सारे गुर्जर गाडरी ही है और सारे ही गुर्जर या गोचर लगाते हैं , हाड़ौती के गडरियों को पता है कि वे गुर्जर ही है तो बाकी जगह के लोग क्यू भूल गए कि वो भी गुर्जर ही है, भाईयो हम सब अलग बट जाएंगे तो ऐसी तरह हमारा ये गौरवशाली गुर्जर इतिहास भी लोग भूल जाएंगे

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    2. Bhaisab gayri gurjar dhangar kurubas kurumber aor gadariya ek hi hai lekien kai upname se jane jate hai kripya apna bhaichara na bigade

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  6. गायरी गुर्जर एकता की बहुत जरूरत है
    हमें एक होना चाहिए
    ताकी हमारा खोया हुआ सम्मान वापिस प्राप्त कर सके
    गुर्जर गायरी देव सेना संगठन नागदा उज्जैन

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  7. गायरी का इतिहास बताओ कि कहा से उतपति हुई और कैसे गुर्जर कहलाये इसकी भी जानकारी दीजिये क्योंकि अन्य शाखा के गुर्जर भाई हमसे यह पूछते है कि आपकी उतपति कहा से है आप तो गायरी हो गुर्जर नही और गुर्जर हो तो आपकी उतपति कैसे हुई बताओ ऐसे पूछते है अब आप बताओ

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    1. गुर्जर 9 प्रकार के उनमें से एक गायरी गुर्जर है और गायरी मूल रूप से गुर्जर है

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  8. भाई आप सब को संघर्ष करना होगा और मूल रूप से गुर्जर लिखने के लिए लोगो को बताना होगा कु हम मूल रूप से गुजर ही ह। गोत्र या sernam से कुछ नई बदलता है तो गुर्जर ही ह।।।।

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  9. Tum log sub pagle ho gye ho jo gadriya ko gujjar se alg kar rhe ho .....?

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  10. Are bhai gadariya hi gadari hota Bharwad hota dewasi Holkar pal baghel gowal orgujar knha se Bharwad ban gye Ahir gadariya gujar ham teeno bhai bhai hai agar ham teeno samaj ek ho jaye to hamare mla bhi honge mp bhi honge vyarth main kisi ko ucha neecha dikhane ki kooshish mat karo

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    1. Bhai tum sahi ke rahe ho baghel pal gayri gadariya bakarwal bharwad bharud and dhangar ek hi hote hai
      Bhai aapka contact milega kya number bhej sakte ho

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    2. बिल्कुल सही कहा आने अहीर गड़रिया और गुर्जर एक ही है।

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  11. हम सब पहले ग्वाल थे हम दोनों समाज पहले गोपालक का काम करते थे जिसने भेड़ रखना चालू किया उनको गारी कहने लग गए जो गाय रखते हैं उसको गुर्जर कहते हैं

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    1. Shi kha Gurjar.yadav or Gadariya hi hamesha se Gaay ki sewa krta h

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  12. कुछ लोग बोल रहे ह की कामलिया गारी ह वो गुर्जर नी धनगर है तो सोच के देखो नाम गारि ओर गायरी पर कामलिया है तो अलग ये कैसे हो सकता ह कोई से भी गारि या गायरी हो चाहे पूर्बिया गारि या मेवाड़ा बात छेत्र अलग अलग होने से अलग ह बाकी मूल रूप से गुर्जर ह ओर कुछ लोग अफवा फैला रहे ह की कामलिया गारी अलग ह भाई लोग अभी ही समय ह जितना हो सके एक हो कर रहो नही तो में भी किसी को खाने को नई दे रहा और तुम भी नही बस बात ये ह की देवनाराय के वंश है जितना एक हो कर रह सको सबको एक करो ये नही की वो अलग ह वो गुर्जर नही ह।।।।। बाकी समा चाहूंगा 🙏 बाकी आपको पता है अपनी समाज मे शिक्षा की कमी है तो पहले तो अलग थे अब ओर अलग मत करो में आप सब 9 नागली गूर्जर से मदद लेना चाहूंगा लोर,खारी,मेवाड़ा, कामलियानिखर,बुंदेला,मेवाती,गायरी मरेठा रिया सभी गूर्जर से की मदद करो एक करने की

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    1. भाई मे मालवा मै कालिया गारी समाज से हु और हमारे दादा दादी बोलते हैं की गारी गुर्जर और रेबरी एक ही है
      8959926298 ये msere no hai

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    2. Bhai bahut badiya bat ki jay devnarayan bhagwan ki
      Bhai aapka number mil sakta hai kuch information chahta hu
      Insta. =. mr_praveen_gayri_

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  13. Gari smaj me kitni gotra he gurjar me kitni gotra he

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  14. भारत में हमारा गुर्जर समाज 9 भागो में बंटा हुआ है, लौर गाडरी खारी धनकर मेवाती और भी, ये सभी गुर्जर ही है लेकिन अपनी वास्तविक पहचान भूल गए है, लोग केवल लौर और खारी को की गुर्जर मांन बैठते हैं, जबकि ऐसा नहीं है , सभी प्रकार के गुर्जर ही है ।

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    1. Bhai me Ujjain ke Vinayaga gav se Hu Pavan Gayri Choudhary Me Apni Gurjar Jati Ko Pranam karta hu

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  15. किसी के अभाव में मत आओ गायरी समाज गुर्जर समाज से काफी अलग है ये दोनों समाज अलग अलग है इसलिए गायरी समाज के लोगो से मेरा विनम्र निवेदन है कि हम गायरी है गुर्जर नही ओर हमारी मूल समाज को इन लोगो के अभाव में आकर न छोड़े ओर में भी गायरी धनगर हु गुर्जर नही यह एक अलग जाती है यह कुछ चंद लोगो का बिछाया हुआ षड्यंत्र है जो हमारे समाज को भुलाने के लिए हमे गुर्जर लगाने की बोल रहे यह कदापि मत करना आप सब गायरी समाज के सज्जनों भाइयो

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    1. भाई अपने अपने दादा दादी जी से कुछ सिख नहीं है मे मालवा में गारी समाज का हु और हमारे दादा जी बोलते हैं गारी गुर्जर एक ही है। 8959926298 es par caal karna sab batavunga

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  16. Please show history of gari gurjar

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  17. मे सभी समाज बंधुओ से विनती है मे मालवा मे कामलिया गारी से आता हु और हमारे पूर्वज हमारे दादा दादी बोलते है हम गारी गुर्जर और रेबरी। की अस्ली जाती गुर्जर ही है। हम अलग अलग क्षेत्रों मे अलग क् नामो से janer जाते हैं। 8959926298

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  18. गायरी गुजर अलग अलग है हमारी सोच में आपकी राय क्या है बताए

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    1. Gujjar lagana chahie itihaas ke hisab se to

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  19. नमस्ते जी

    राजस्थान के गुजरों के गोत्रों की लिस्ट दिजिए ।
    9687003599 Whatsapp

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  20. जिसे तीनो लोगो मे पुजा जाता है गाय माता ऊससे हमारी समाज का नाम है गायरी ओर आप लोगो को क्या चाहिए पागल हो आप लोग जो चोधरी या गुर्जर लगाते हो गायरी हो तो गायरी लगाओ ना

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  21. जिसे तीनो लोगो मे पुजा जाता है गाय माता ऊससे हमारी समाज का नाम है गायरी ओर आप लोगो को क्या चाहिए पागल हो आप लोग जो चोधरी या गुर्जर लगाते हो गायरी हो तो गायरी लगाओ फिर देखो हमारी जाती

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    1. Krishnawater gurjar gothr kaaki tum kon ho

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  22. बहुत ्््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््

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  23. भरत चौधरी (गायरि)
    रूपनगर
    तहसील jaora जावरा
    जिला रतलाम
    7067834973
    जय श्री देवनारायण जी की

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  24. जय श्री देवनारायण

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  25. जय श्री देवनारायण
    मनीष चौधरी (गायरी गुज़र)
    जिला इन्दौर (बेटमा,झलारा)

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  26. जय श्री देवनारायण भगवान बहुत ही अच्छी जानकारी है भाई ऐसी ही जानकारी हमारे समाज के जो भी बड़े-बड़े नेता है जो हमारे समाज को धनगरी करण कर रहे हैं उन्हीं को सीख देनी चाहिए नहीं तो अपने समाज को बेच कर खा जाएंगे साले

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  27. Mai chandel ho gadariya gujjar

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  28. Apn gayri gujjar hai thik man liya ab batao ko maharani ahilyabai holkar ko gayri samaj ki rajmata hai ye to gadariya samaj bhi manta hai ki ye unki bhi rajmata hai


    Apni pehchan
    सूबेदार मल्हार राव होलकर
    माहारानी अहिल्या बाई होलकर
    संत श्री श्री 1008 अमर जी से होती है
    गायरी पाल बघेल धनगर गडरिया कुरूबा कुरुंबर भारूढ़ भरवाड़ बकरवाल गद्दी गारी गाडरी हिमाचली गद्दी ये सभी गायरी समाज की उप जातियां है कृपया इसे और ना बाटे


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  29. गायरी समाज और गूजर दोनों अलग अलग समाज है बस फर्क इतना है कि धनगर मै 52 गोते है वो गायरी धनगर ही है



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    1. Gayri 152 gothr hy jo ki gurjar hy Dnghar nhi hy i am gurjar

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  30. जय हिन्द जय मल्हार
    रामलाल गायरी प्रतापगढ़ जिले से हूं
    मों 8560065100
    जय हो राज माता अहिल्या बाई की जय हो

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  31. Bhai sahab aapane Jankari to bahut acchi Di Hai Lekin isase video mein YouTube ke dwara upload karo Taki aur Jyada Logon Ko Pata Chal sake Anpadh log bhi dekh kar samajh jaenge dhanyvad main MP Ujjain se hun

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  32. Kahavat Sahi Kahi gai hai food Dalo Raj karo Hamari samaj mein foot Dali gai hai

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  33. Hum kewal Gari Gurjar he or hamari mul jati Gurjar he
    Me Arjun Gurjar Mandsaur se

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  34. This comment has been removed by the author.

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  35. Gari kewal khap he hamari mul jati Gurjar h bs

    Hm pal bhaghel Holkar Dhangar gadriaa nhi h
    Jay shree Devnarayan

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